Nirankari Mission (संत निरंकारी मिशन)

 Nirankari Mission (संत निरंकारी मिशन)


एक आध्यात्मिक और सामाजिक संगठन है, जिसकी स्थापना 1929 में बाबा बूटा सिंह जी ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य "ईश्वर का ज्ञान" प्रदान करना और मानवता को एकता, प्रेम, और शांति के पथ पर चलने के लिए प्रेरित करना है। यह मिशन सभी धर्मों और समुदायों के बीच समानता को बढ़ावा देता है।


मुख्य सिद्धांत:


1. एक ईश्वर का ज्ञान (गुरु ज्ञान): निरंकारी मिशन का मानना है कि ईश्वर को समझने के लिए आत्मज्ञान आवश्यक है, और इसे एक सच्चे गुरु के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।



2. भेदभाव रहित समाज: मिशन जाति, धर्म, और सांप्रदायिकता के भेदभाव को समाप्त करने की वकालत करता है।



3. साधारण जीवनशैली और सेवा: यह मिशन अपने अनुयायियों को सादगी से जीने और दूसरों की सेवा करने के लिए प्रेरित करता है।




मूल उद्देश्य:


इंसानों को आपस में जोड़कर एक "निरंकार" (परमात्मा) की पहचान कराना।


प्रेम, करुणा और भाईचारे को बढ़ावा देना।


अज्ञानता, अंधविश्वास और धार्मिक कट्टरता को खत्म करना।



सेवा और सामाजिक योगदान:


निरंकारी मिशन के अनुयायी मानवता की सेवा के लिए काम करते हैं, जिसमें रक्तदान शिविर, प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य, पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा को बढ़ावा देना शामिल है।


वर्तमान नेतृत्व:


वर्तमान में यह मिशन सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के नेतृत्व में है, जो संगठन को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं।


मूल संदेश:

"सभी का कल्याण" (सर्वत्र भला हो)। 

आदेश पालक  भानु प्रताप



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