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> "परमात्मा" एक संस्कृत शब्द है, जो दो शब्दों से मिलकर बना है: "परम" और "आत्मा"।
परम का अर्थ है "श्रेष्ठ," "उच्चतम," या "अत्यंत महान।"
आत्मा का अर्थ है "सत्य स्वरूप," "आध्यात्मिक आत्मा," या "जीव का आंतरिक अस्तित्व।"
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इस प्रकार, परमात्मा का अर्थ है "उच्चतम आत्मा" या "सर्वोच्च सत्ता।" यह वह अनंत और सार्वभौमिक चेतना है जो संपूर्ण ब्रह्मांड में व्याप्त है।
भारतीय दर्शन में, परमात्मा को सत्य, ज्ञान और अनंत का स्वरूप माना गया है। इसे ईश्वर, ब्रह्म, अल्लाह, या गॉड जैसे नामों से भी संदर्भित किया जाता है। परमात्मा अद्वितीय, अविनाशी, और शाश्वत माने जाते हैं, जो सभी जीवों के अंदर और बाहर विद्यमान हैं।
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