Maharaj hardev singh ji
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निरंकारी गीत (मेरा मन डोले, मेरा तन डोले ads )
मेरा मन डोले, मेरा तन डोले,
सतगुरु के दरश से प्यार।
तेरी रहमत का सागर पाया,
तेरे नाम से जीवन संवार।
तेरा ज्ञान मिले, मेरा ध्यान खिले,
सतगुरु की है ये पुकार।
तेरी शिक्षा ने राह दिखाई,
हर गम से पाया उद्धार।
मेरा मन डोले, मेरा तन डोले,
सतगुरु के दरश से प्यार।
तेरे चरणों में, सुकून पाया है,
तू ही जीवन की आस।
तेरी कृपा से, हरदम पाया,
जग में सच्चा विश्वास।
तेरे नाम का जप, हर पल करते,
तेरे बिना कुछ ना स्वीकार।
मेरा मन डोले, मेरा तन डोले,
adsसतगुरु के दरश से प्यार।
यह गीत सतगुरु के प्रति आस्था और उनके आशीर्वाद से जीवन में शांति और विश्वास की अभिव्यक्ति करता है।
Writer bhanupratap
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